सदगुरु कबीर साहेब जी के सत्य ,अहिंसा ,समानता, विश्व बंधुत्व पर आधारित ऑनलाइन पत्रिका
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गुरु मोहिं सजीवन मूर दई :- धनि धरमदास साहेब
गुरु मोहिं सजीवन मूर दई ।।टेक।। कान लागी गुरु दीक्षा दिन्हीं । जनम-जनम को मोल लई।।1।। दिन दिन अवगुण छुटन लागे । बाढन लागी प्रीति न...
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चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी ।टेक। अजब जुलाहा चादर बीनी ,सूत करम की तानी । सुरत निरति का भरना दीनीे, तब सबके म...
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भूत-प्रेत मंत्र-तंत्रादि का खंडन यह भूत-प्रेत की कल्पना जो जंगली-युग की देन है, आज भी इससे मनुष्य का पिंड नहीं छूटा है l अशिक्षित...
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वचन वंश गद्दी महादेव मठ रोसरा कबीरपंथ के संस्थापक आदि आचार्य श्री कृष्ण कारख साहेब सत् कबीर वचनवंश आचार्य गद्दी रोसरा समस्तीपुर बिहा...
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